Wednesday, December 28, 2011

पहचान दोस्त कौन

 पहचान दोस्त कौन 
फूलो-सा ताज तो है दोस्ती-
 काँटों भरा ताज भी है दोस्ती 
हंसं-हंसाने वाला राज है दोस्ती -
 रुलाने वाला साज भी है  दोस्ती 
संकट की घडी में साथ दे-
 इसपर ही टिकी है दोस्ती की पहचान 
बिना परखे करली दोस्ती-
 उसके आचरण से यदि रहे अनजान 
तो जीवन बर्बाद कर सकती है दोस्ती
ऐसे में डूबती किस्ती बन सकती है दोस्ती 
जांच परख कर ही करे गहरी दोस्ती 
फिर सतत निभाओ दोस्ती,
ऐसी निभाओ आपस में संकट में दोस्त  
लोग कहे दो हस्त्हिया एक जान है दोस्त 
द्वारा-लक्ष्मण लड़ीवाला, जयपुर   

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