चाहिए थोडा सा प्यार
एक लड़की होती है माँ-बांप की जान
स्त्री बन रखती अपने सुहाग का मान
माँ बन करती बच्चे का लालन-पालन
जीवन भर रखती परिवार का ध्यान ||
संकट में हो जाती वह तुम पर कुर्बान
जितना करो थोडा है त्याग का बखान
घर परिवार औ देश की वह अनुपम शान
भूलकर भी करो न कभी उसका अपमान ||
अश्लील कारज से करो न कभी बदनाम
मत खोना अपनी जमीर, रखना ध्यान
रख ध्यान,करो उनसे सदा ही सद-व्यव्हार
त्याग की मूर्ति है,उन्हें चाहिएथोडा सा प्यार ||
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर
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