Tuesday, August 14, 2012

चाहिए थोडा सा प्यार
 
एक लड़की होती है माँ-बांप की जान 
स्त्री बन रखती अपने सुहाग का मान
माँ बन करती बच्चे का लालन-पालन 
जीवन भर रखती परिवार का ध्यान ||

संकट में हो जाती वह तुम पर कुर्बान 
जितना करो थोडा है त्याग का बखान
घर परिवार औ देश की वह अनुपम शान 
भूलकर भी करो न कभी उसका अपमान ||

अश्लील कारज से करो न कभी बदनाम 
मत खोना अपनी जमीर, रखना ध्यान 
रख ध्यान,करो उनसे सदा ही सद-व्यव्हार 
त्याग की मूर्ति है,उन्हें चाहिएथोडा सा प्यार || 

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर 

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